पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार एससीएसटी बेसिक टीचर वेलफेयर एसोसिएशन ने प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के नाम 20 सूत्रीय ज्ञापन जिलाधिकारी रामपुर को सौंपा। दिए गए ज्ञापन में मांग की है कि (1)पदोन्नति में आरक्षण का शासनादेश तत्काल जारी किया जाए।माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने 26 सितम्बर 2018 को पदोन्नति में आरक्षण लागू करने का निर्णय दिया लेकिन उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा पदोन्नति में आरक्षण का शासनादेश एवं आदेश नहीं दिया गया है। पदोन्नति में आरक्षण का शासनादेश तत्काल निर्गत कर लागू किया जाये।(2)-पदोन्नति में आरक्षण का 117वां संविधान संशोधन विधयक लोकसभा में पास कर 9वीं अनुसूची में सम्मिलित किया जाये एवं समस्त शिक्षकों, कर्मचारियों एवं अधिकारीयों के डिमोसन वापस किये जाये।(3)-वर्ष 2005 के बाद हुए समस्त शिक्षकों, कर्मचारियों एवं अधिकारीयों को पुरानी पेंशन अबिलम्ब बहाल की जाये।(4)- अनुसूचित जाती एवं अनुसूचित जनजाति वर्गों का खाली बैकलॉग अभियान चलाकर भरा जाये।(5)-शिक्षकों की समस्याएं विभिन्न स्तरों पर लंबित हैं, जिनकी बार बार माँग करने पर भी कोई संज्ञान नहीं लिया जा रहा है लेकिन शिक्षकों की सभी समस्यायों को नज़रअंदाज़ करते हुए विभाग में डिजिटलाइजेशन किया जा रहा है जो कि बिलकुल भी न्यायसंगत नहीं है। अतः शिक्षकों की समस्याओं का समाधान किये जाने तक सभी प्रकार की डिजिटलाईजेशन पर रोक लगायी जाये।(6)-एस.सी/एस.टी. बेसिक टीचर्स वेलफेयर एसोसिएशन को विभागीय मान्यता तत्काल दी जाये तथा विभागीय बैठकों में एसोसिएशन के पदाधिकारीयों को शामिल किया जाये क्योंकि प्रदेश से लेकर जिला स्तर तक विभागीय बैठकों में एस.सी /एस. टी. वर्ग के छात्र /छात्राओं, शिक्षक /शिक्षिकाओं एवं कर्मचारियों, अधिकारीयों की गंभीर समस्याओं को नहीं रखा जाता है जिससे नीतियों एवं सरकारी लाभ में इन वर्गों की उपेक्षा हो जाती है। साथ जनपदों में कई अधिकारीयों द्वारा इन पदाधिकारीयों को बैठकों में न बुलाये जाने से इनका प्रतिनिधित्व पूरा नहीं हो पता है इसलिए विभागीय प्रतिनिधित्व मान्यता अति आवश्यक है।(7)-अन्तः जनपदीय स्थानांतरण कई वर्षों से लंबित हैं एवं पिछली बार हुए स्थानांतरण में भी कई खामिया है जो अभी तक लंबित है तथा पिछले कई वर्षों से जिले के भीतर स्थानांतरण सुनियोजित तरीके से ना होने के कारण कई ऐसे शिक्षक जिन्हे स्थानांतरण की अवश्यकता है उन पर मानसिक तनाव के कारण प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। अतः तत्काल सुनियोजित तरीके से अन्तः जनपदीय स्थानांतरण किये जाएँ।(8)-बेसिक शिक्षा परिषद के समस्त शिक्षक जो 4200 ग्रेड पे पर नियुक्त हुए हैं परन्तु प्रभारी प्रधानाध्यापक का कार्य कर रहे हैं उन्हें तत्काल 4600 ग्रेड पे का भुगतान किया जाये।(9) परिषदीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत अनुदेशकों के लिए 100 नामांकन एवं नवीनीकरण की बाध्यता को समाप्त किया जाये तथा सामान कार्य सामान वेतन का सिद्धांत लागू करते हुए स्थायी किया जाये।साथ ही अनुदेशकों को भी शिक्षकों की भाँती आकस्मिक अवकाश, चिकित्सा अवकाश,बाल्य देखभाल अवकाश एवं मातृत्व अवकाश उपबंध किया जाये।(10)-शिक्षामित्रों को भी समान कार्य समान वेतन का सिद्धांत लागू करते हुए स्थायी किया जाये। साथ ही जो शिक्षामित्र टी ई टी पास हैं उन्हें सहायक अध्यापक के पद पर अबिलम्ब नियुक्त किया जाये।(11)-बेसिक शिक्षा परिषद में पदस्थ चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को उनकी शैक्षिक योग्यता के आधार पर प्रोन्नत किया जाये। कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालयों के समस्त संविदा कर्मचारियों का मानदेय बढ़ाया जाये एवं स्थायी किया जाये।(12)-उत्तरप्रदेश में बेसिक शिक्षा के अधीन एक ही परिसर में संचालित समस्त प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों का संविलियनिकरण तत्काल समाप्त किया जाये क्योंकि इससे प्रधानाध्यापक, सहायक अध्यापक के लगभग 30000 पद समाप्त हो गए हैं साथ ही हज़ारों रसोईये भी निकाल दिए गए हैं जिससे उनके सामने आजीविका का संकट उत्पन्न हो गया है।(13)-शिक्षक /शिक्षिकाओं को बी. एल. ओ की ड्यूटी से तत्काल मुक्त किया जाये एवं मिड डे मील की जिम्मेदारी से भी पृथक किया जाये जिससे अध्यापक शैक्षिक गुणवत्ता में अपना पूरा समय दे सकें।(14)-पूरे उत्तरप्रदेश में दलित शिक्षकों,कर्मचारियों एवं अधिकारीयों का उत्पीड़न चरम पर है इसे रोका जाये एवं कुछ दूषित एवं जातिवादी मानसिकता के बेसिक शिक्षा अधिकारी भी अपनी सामंतवादी मानसिकता के चलते केवल दलित शिक्षकों का लगातार निलंबन, वेतन वृद्धि पर रोक,सेवा समाप्ति आदि कर रहे हैं ऐसे अधिकारियों पर कड़ी कार्यवाही की जाये।(15)-मिड डे मील योजना का लाभ सीबीएसई, आईसीएसई एवं अन्य बोर्डो के कक्षा एक से आठ तक दिया जाये साथ ही डिबीटी से अच्छादित कर इन बच्चों के खातों में 5000 रूपए की धनराशि जूता-मोजा,स्वेटर, बैग,यूनिफार्म एवं किताबों के लिए भेजी जाये।(16)- शिक्षकों की भर्ती नये रोस्टर की जगह पुराने रोस्टर से की जाये क्योंकि नये रोस्टर की वजह से अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति की कई सीटें कम हो जाती हैं। साथ ही 69000 भर्ती आरक्षण के पदों पर नियमानुसार भर्ती की जाये और आरक्षित पदों के अभ्यर्थियों को न्याय दिया जाये।(17)-जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के आदेश पत्रांक संख्या 3739-47/2024-25 दिनाँक 10 जुलाई 2024 तथा जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी उन्नाव के निरीक्षण आदेश पत्रांक संख्या -8052-60/दिनाँक 08जुलाई 2024 को दिए गए आदेशों में कहाँ गया है कि उक्त जनपदों के परिषदीय विद्यालयों के अद्यापकों /कार्मिकों का तत्काल प्रभाव से वेतन अवरुद्ध किया जाता है जबकि जनपद बाराबंकी एवं उन्नाव जनपद में उक्त दिनों में कई महिलाएं संविधान एवं विभागीय अधिकारों द्वारा प्रसूती अवकाश, मातृत्व अवकाश पर थीं जिन्हे मानव सम्पदा पोर्टल पर देखा जा सकता है। इसके बाद भी ऐसी शिक्षिकाओं /बहनों का वेतन अवरुद्ध की सूचना पर कितना मानसिक कष्ट सहना पड़ा होगा?जिसका दुष्प्रभाव उनकी कोख में पल रहे बच्चे पर भी बायोलॉजीकल पड़ा होगा।यह मानवाधिकार एवं स्वास्थ्य कानून का स्बसे बड़ा उलंघन एवं अपने पद का दुरूपयोग है।तत्काल जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी बाराबंकी एवं उन्नाव के खिलाफ प्रसूती एवं उनकी कोख में पल रहे बच्चों की जानबूझकर जान जोखिम में डालने और उत्पीड़न का पुलिस में अभियोग दर्ज कर जेल भेज दिया जाये और सेवा से भी बर्खास्त किया जाये साथ ही चिकित्सीय अवकाश एवं आकस्मिक अवकाश के सम्बन्ध में भी यही कार्यवाही की जाये।(18)-परिषदीय विद्यालयों में अध्ययनरत बच्चों को डिबीटी के माध्यम से भेजी जाने वाली धनराशि को बढ़ाकर 5000 रूपए की जाये जिसमें से आधी धनराशि अभिभावकों के खातो में एवं आधी धनराशि विद्यालय प्रबंध समिति के खाते में भेजी जाये क्योंकि महँगाई अधिक होने के कारण 1200 रूपए पर्याप्त नहीं हैं।क्योंकि इतने रूपए में न तो उच्च गुणवत्ता के न तो यूनिफार्म, बैग और न ही अन्य वस्तुएँ आ सकती हैं।(19)-कई जनपदों से यह ज्ञात हुआ है कि कई जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारी गलत तरीके से डिमोसन करके अनुसूचित जाति एवं जनजाति के अद्यापकों का वेतन फ्रीज कर दिया गया था लेकिन उन्ही के साथ के सामान्य वर्ग के अद्यापकों अब उसी वेतनमान पर आ गए हैं तथा कुछ तो उनसे भी आगे निकल गए हैं लेकिन अनुसूचित जाति, जनजाति के अध्यापकों का वेतन अभी तक फ्रीज ही है।अतः उक्त बेसिक शिक्षा अधिकारीयों को शीघ्र वेतन वृद्धि दूर करने के दिशा निर्देश तत्काल दिए जाएँ।(20)-खण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालयों से यह शिकायतें आ रही हैं क़ि वहाँ डाक या अद्यापकों के पत्रों पर कोई विचार न करके रिसीविंग नहीं दी जाती है जिससे वे अपनी जिम्मेदारी निर्धारण के उत्तरदायित्व से बच जाते हैं। अतः इस सम्बन्ध में स्पष्ट दिशा निर्देश दिए जाएँ।अतः एससीएसटी बेसिक टीचर्स एसोसिएशन, उत्तरप्रदेश आपसे अपेक्षा करता है क़ि उक्त मांगो पर विचार किया जाये तथा अनुसूचित जाति एवं जनजाति के हितों में उन्हें पूरा किया जाय। इस अवसर पर जिलाध्यक्ष राम बहादुर गौतम,जगदीश सरन, कोषाध्यक्ष रमेशपाल सिंह, जिला प्रवक्ता चमन सिंह गौतम, सरदीप गौतम, संरक्षक वीर सिंह, जिला उपाध्यक्ष प्रेमचन्द, जबर सिंह, जिला ऑडिटर जंग बहादुर, ओमप्रकाश, राहुल कुमार, हरीश बाबू, सोमपाल सिंह, कन्धई लाल, प्रभाकर गौतम, मनोज, रोहन सिंह, विश्वश्वर, बादल सिंह, सुनील कुमार, मुकेश कुमार, राजेश कुमार, राजेश खन्ना, जिला उपाध्यक्ष नरेश कुमार, सुरेंद्र सिंह, जग औतार,अजय पाल सिंह, अशोक कुमार, अशोक बाबू, प्रवेश कुमार चंचल,ओमपाल सिंह, अशोक , दिनेश कुमार, दिनेश कुमार सागर, अशोक कुमार रावत, विजय कुमार, आदि उपस्थित रहे।
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