Rampur News* रामपुर रज़ा लाइब्रेरी में 7वीं शताब्दी की अनमोल कुरान,हज़रत अली के हाथ से लिखी हुई*

रामपुर रज़ा लाइब्रेरी में 7वीं शताब्दी की एक अनमोल धरोहर, कुरान की चर्मपत्र पांडुलिपि मौजूद है, जो अपनी ऐतिहासिक और धार्मिक महत्ता के लिए जानी जाती है। यह हज़रत अली (मृत्यु 661) द्वारा हाथ से लिखी गई है और इस विशेषता के कारण यह न केवल धार्मिक बल्कि ऐतिहासिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।

हज़रत अली, जो इस्लाम के चौथे खलीफा थे,ये इस्लामी इतिहास और संस्कृति की एक महत्वपूर्ण धरोहर है। यह न केवल धार्मिक ग्रंथ के रूप में महत्वपूर्ण है, बल्कि यह 7वीं शताब्दी की कला और शिल्प कौशल का भी उत्कृष्ट उदाहरण है। इसे देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं, जो इस धरोहर के प्रति उनकी गहरी श्रद्धा और उत्सुकता को दर्शाता है।

रामपुर रज़ा लाइब्रेरी, जो अपनी समृद्ध संग्रह के लिए प्रसिद्ध है, में इस पांडुलिपि को विशेष रूप से सुरक्षित रखा गया है। लाइब्रेरी के अधिकारी और कर्मचारी इस धरोहर की सुरक्षा और संरक्षण के लिए विशेष ध्यान देते हैं, ताकि आने वाली पीढ़ियां भी इसे देख सकें और इसके महत्व को समझ सकें।

यह पांडुलिपि न केवल इस्लामिक इतिहास के अध्ययन के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक धरोहर का भी महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसे देखने के बाद लोगों को न केवल धार्मिक अनुभव होता है, बल्कि वे इतिहास के एक महत्वपूर्ण हिस्से को भी महसूस कर पाते हैं।

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