नगर के हाइवे स्थित आर्य विद्यालय इंटर कॉलेज के बाहर पड़े गंदगी के ढेर स्वच्छ भारत मिशन को पलीता लगा रहे हैं। आर्य विद्यालय इंटर कालेज क्षेत्र का सबसे पुराना शिक्षा का मंदिर है। हजारों छात्र इस कॉलेज में शिक्षा ग्रहण करते हैं। कालेज के बाहर बर्षों से कूड़े के ढेर लगाए जाते रहे हैं। भीषण गर्मी हो या फिर बरसात का मौसम इन ढेरों से सदैव जहरीली बदवू निकलती है और यह ढेर गंभीर संक्रामक रोगों को जन्म देती है। जिस कारण भीषण गर्मी व बरसात के मौसम में कालेज के छात्र ,अध्यापक और स्थानीय लोग बीमार पड़ते हैं। कालेज परिसर में बोर्ड परीक्षाओं के साथ अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं का आयोजन भी होता रहता है। अध्यापक, छात्र और स्थानीय लोग इस बदबूदार तीव्र गंध के बीच से होकर गुजरने को मजबूर हैं। पूर्व में कालेज प्रशासन व स्थानीय लोग शिकायती पत्र के माध्यम से कई बार इस समस्या से अधिकारियों को अवगत करा चुके हैं। लेकिन बाबजूद इसके अधिकारी अनदेखी कर संक्रामक रोगों को हवा दे रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि बड़े नाले की आज तक जेसीबी से सफाई नहीं हुई। गांव में एक निजी सफाई कर्मी तैनात है जो कभी कभी सफाई करने आता है। गांव में आज तक ग्राम प्रधान द्वारा कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव भी नही कराया गया है। जिससे गंभीर बीमारियों को जन्म देने बालों को संजीवनी मिल रही है। बीते दो दिन से शुरू हुई बरसात के बाद जब इन ढेरों से जहरीली गैस निकलना शुरू हुई तब स्थानीय लोगों में एक बार फिर जानलेवा संक्रामक रोगों का डर सताने लगा है। कालेज परिसर पालिका क्षेत्र की सीमा से चंद कदमो की दूरी पर है लेकिन ग्राम जालिफ नगला में होने के कारण अधिकारी साफ सफाई पर बिल्कुल ध्यान नहीं देते। कालेज के अलावा गांव की नालियां पूरी तरह से चोक हैं जिस कारण बरसात के मौसम में पानी की निकासी भी नहीं हो पाती।अधिक जलभराव के कारण नालियों का गंदा पानी लोगों के घरों में घुस जाता है और लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। लोगों की मांग है कि कॉलेज के सामने से कूड़े के ढेरों को तत्काल हटवाया जाए। जिससे संक्रामक बीमारियों को रोका जा सके।
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