रामपुर। इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज (इंटेक) रुहेलखंड चैप्टर के सह संयोजक और पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां के पीआरओ काशिफ खां ने मशहूर इस्लामिक स्कॉलर प्रोफेसर अब्बास रजा नैय्यर को रजा लाइब्रेरी द्वारा प्रकाशित दीवान-ए-बाबर भेंट किया।
प्रोफेसर अब्बास रजा नैय्यर, जो शाही औकाफ़ के जरिए इमामबाड़ा खासबाग में होने वाली मजलिसों को खिताब करने आए थे, लखनऊ यूनिवर्सिटी में उर्दू के विभाध्यक्ष हैं। वे राज्य सरकार की नेशनल एजुकेशन पॉलिसी टास्क फोर्स के सदस्य और उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी के एक्जीक्यूटिव मेंबर भी हैं। प्रोफेसर नैय्यर शायर और लेखक के रूप में भी ख्याति प्राप्त हैं।
शुक्रवार को काशिफ खां ने उनसे मुलाकात कर दीवान-ए-बाबर भेंट किया, जो मुगल बादशाह बाबर द्वारा लिखित फ़ारसी पांडुलिपि है। इसमें प्रथम मुगल बादशाह का कलाम और उनकी लिखावट दर्ज है। रजा लाइब्रेरी के पूर्व निदेशक प्रोफेसर सैयद अजीजुद्दीन हुसैन ने इसका प्रकाशन कराया था।
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