उप्र कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश महासचिव मुईन हसन खाँ ने केंद्र सरकार के उस निर्णय का विरोध किया है जिसमें सरकारी कर्मचारियों को आरएसएस की सदस्यता लेने की अनुमति दी गई है। मुईन हसन खाँ ने इसे लोकतंत्र को खत्म करने वाला और तानाशाही की ओर ले जाने वाला फैसला बताया।
उन्होंने कहा कि आरएसएस परोक्ष रूप से भाजपा को नियंत्रित करता है और इसे एक राजनैतिक संगठन मानना चाहिए। सरकारी कर्मचारियों का किसी भी राजनैतिक संगठन का सदस्य होना गलत है। उन्होंने सरकार के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की बात कही।
कांग्रेस नेता ने कहा कि देश का हिन्दू युवा बेरोजगारी से परेशान है और भाजपा सरकार ने उन्हें निराश किया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने सभी सरकारी फैक्ट्रियां, रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट तक बेच दिए हैं। आने वाले लोकसभा चुनाव में जनता भाजपा से निराश हो चुकी है।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कांवड़ यात्रा के मार्गों पर दुकानदारों से नेम प्लेट लगाने के आदेश को रद्द कर दिया है। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह मुद्दा विहीन हो चुकी है और सांप्रदायिकता के मुद्दों पर जोर दे रही है। उन्होंने कहा कि अयोध्या और बद्रीनाथ की जनता ने सेकुलर पार्टी को चुनकर यह स्पष्ट कर दिया है कि देश सांप्रदायिकता नहीं, सेकुलरिज्म से चलेगा।
मुईन हसन खाँ ने कहा कि भाजपा ने बहुसंख्यक युवाओं को रोजगार नहीं दिया और उनके भविष्य को तबाह कर दिया है। उन्होंने कहा कि अब देश को केवल कांग्रेस ही चला सकती है, जिसने 70 वर्षों तक इस देश की जनता की आवाज को उठाया है और उनके लिए काम किया है। सरकारी कर्मचारियों का निष्पक्ष होना आवश्यक है और आरएसएस की सदस्यता उन्हें निष्पक्ष नहीं रहने देगी।
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