भैसोड़ी शरीफ गांव में स्थित दरगाह देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी अपना एक अहम स्थान रखती है जहाँ प्रत्येक बर्ष अलग अलग लगने बाले उर्सों में काफी बड़ी तादात में जायरीन अपनी हाज़िरी लगाने पहुंचते हैं।भैंसोड़ी शरीफ गांव में स्थित हज़रत ख्वाजा सूफी लियाकत हसन शाह का तीन दिवसीय उर्स दरगाह के सज़्ज़ादेनसी एवं मुतावल्ली हज़रत ख्वाजा सूफी जावेद हुसैन शाह की सरपरस्ती में बुधवार से शुरू हुआ।हज़रत ख्वाजा सूफी लियाकत हसन शाह का 17 वें उर्स का आगाज फ़ज़र की नमाज के बाद कुरान खानी,सलत ओ सलाम के साथ हुआ।असर की नमाज के बाद सरकारी चादर,आम चादर व गुलपोशी हुयी।ईसा की नमाज के बाद मिलाद शरीफ व महफ़िल ए शमा कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।तीन दिन चलने बाले उर्स के दूसरे दिन गुरुवार को फ़ज़र की नमाज के बाद कुरान खानी,सलत ओ सलाम, असर की नमाज के बाद व गुलपोशी होगी।ईसा की नमाज के बाद शब बेदारी व महफ़िल ए शमा कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।तीसरे दिन शुक्रवार को कुल शरीफ,तकसीमे लंगर,मुशायरा, जुलूस संदल शरीफ,घुसल शरीफ व महफ़िल ए रंग ओ शमा का प्रोग्राम होगा। इस दौरान सज़्ज़ादा नशीन हज़रत ख्वाजा सूफी जावेद हसन शाह करोडों मुरीदों के लिए दुआ करेंगे। ख्वाजा हजरत सूफी जावेद हुसैन शाह की एक झलक पाने के लिए लोग देश विदेशों से आते हैं।जिन्हें लाखों लोग फॉलो करते हैं।भैंसोड़ी शरीफ की दरगाह हिन्दू मुस्लिम एकता की मिसाल है जहां प्रत्येक बर्ष लगने बाले उर्सों में मुस्लिम के साथ हिन्दू समुदाय के लोग भी भारी तादात में पहुंचते हैं।
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