रामपुर। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के कार्यकर्ताओं ने गन्ने के सर्वे के मुद्दे को लेकर जिला गन्ना अधिकारी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया और धरना दिया। प्रदेश महासचिव हसीब अहमद के नेतृत्व में कार्यकर्ता इस मुद्दे पर विरोध दर्ज कराने के लिए पहुंचे और धरने पर बैठ गए।
किसानों का आरोप है कि चीनी मिलों और बिचौलियों को लाभ पहुंचाने के लिए गन्ने के सर्वे और सट्टे में फर्जीवाड़ा किया गया है। उनका कहना है कि हर साल गन्ने के रकबे का सर्वे फर्जी तरीके से किया जाता है, और इस बार भी ऐसा ही किया गया है। सूची में ऐसे गांवों को शामिल किया गया है जहां गन्ना नहीं उगाया जाता, जबकि कागजों में गन्ना दर्शाया गया है।
धरना स्थल पर किसानों ने गन्ना सर्वे की सूची उपलब्ध कराने की मांग की और चेतावनी दी कि जब तक सूची नहीं मिलेगी, उनका धरना जारी रहेगा। किसानों ने राणा शुगर मिल बेलबाड़ा से संबद्ध बंजारिया, सैदनगर और मिल गेट को त्रिवेणी चीनी मिल मिलक नारायणपुर से संबद्ध करने की भी मांग की।
दरबारी लाल शर्मा, प्रदेश कैंप कार्यालय प्रभारी ने कहा कि तहसील स्वार में नॉन Z-A-KI जमीन पर किसान गन्ने का उत्पादन करते हैं, लेकिन उन्हें समिति से पर्ची नहीं मिलती। उन्होंने कहा कि इन किसानों का सर्वे कर के समिति से पर्ची जारी की जानी चाहिए।
जिला गन्ना अधिकारी और राणा मिल के अधिकारी धरना स्थल पर पहुंचे और डीसीओ ने तीन दिन में सूची उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। इसके बाद, प्रदेश महासचिव ने धरना समाप्त करने की घोषणा की।
धरना देने वालों में राहत खां, नल सिंह यादव, जुबैद आलम, मोहम्मद तालिब, चौधरी राजपाल सिंह, छिद्दा नेता, गुलाम मोहम्मद, पप्पू खां, चौधरी अजीत सिंह, तौकीर अहमद, खलील अहमद, जब्बार, मोहम्मद मुस्तकीम, निरोत्तम, और मोहसिन रजा शामिल थे।
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**FAQs:**
1. **What was the reason for the protest by Bhakiyu workers?**
- The protest was against the alleged fake survey of sugarcane fields, which they claimed was done to benefit sugar mills and middlemen.
2. **What assurances were given by the officials at the protest site?**
- The District Cane Officer assured that the list of sugarcane surveys would be provided within three days, leading to the end of the protest.
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