भारतीय किसान संघ के पूर्व जिलाध्यक्ष आदेश शँखधार ने तहसील कार्यलयों में जमे बैठे प्राइवेट कर्मचारियों की सूची जारी कर एसडीएम से तहसील को भ्रष्टाचार मुक्त की मांग की है। एसडीएम को भेजे पत्र में उन्होंने लिखा है कि तहसील परिसर एवं तहसील मिलक क्षेत्र में आने वाले अधिकांश विभागों के सरकारी कार्यालयों को निजी, प्राईवेट कर्मचारियों के चंगुल से मुक्त कराया जाए। क्योंकि विशेष तौर पर इनके द्वारा ही भोले भाले किसानों को अपना शिकार बनाया जाता है। और इन्हीं के द्वारा अवैध धन की वसूली की जाती है। जबकि उत्तर प्रदेश सरकार के स्पष्ट निर्देश हैं कि कोई भी निजी व प्राईवेट कर्मचारी सरकारी कार्यालय में बैठकर सरकारी कार्य नहीं करेगा। लेकिन फिर भी तहसील मिलक में उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है। लेकिन बार बार आग्रह करने पर भी तहसील मिलक में कोई नियमानुसार उचित कार्यवाही अमल में नहीं लाई जा रही है। उन्होंने अवगत कराया कि सुरेंद्र कुमार (न्यायालय उपजिलाधिकारी कार्यालय मिलक), नरेश कुमार (रजिस्ट्रार कानूनगो कार्यालय मिलक), विनोद उप्रेती (रजिस्ट्रार कानूनगो कार्यालय मिलक), लवी (खतौनी कक्ष तहसील मिलक), विवेक कुमार (खतौनी कक्ष तहसील मिलक), रिजबान (न्यायालय तहसीलदार कार्यालय मिलक), लक्ष्मण (न्यायालय तहसीलदार कार्यालय मिलक), कुमारी खुशी (न्यायालय उपजिलाधिकारी कार्यालय मिलक), कृष्ण पाल (लेखपाल कक्ष हल्का लेखपाल मिलक नगर), देवेश कुमार (न्यायालय तहसीलदार कार्यालय मिलक) में अवैध रूप से सरकारी कार्यों का संचालन कर रहे हैं।उन्होंने उक्त सभी का सरकारी कार्यालयों में प्रवेश बन्द कराया जाने की मांग की है। जिससे कि उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश का पालन भी हो सके एवं किसानों से किसी भी प्रकार की अवैध वसूली भी रोकी जा सके।
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