रामपुर में अनुसूचित जातियों के आरक्षण का वर्गीकरण करने के सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के समर्थन में भारतीय बाल्मीकि धर्म समाज एक ज्ञापन जारी किया गया है। 31 जुलाई 2024 को सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने अनुसूचित जातियों के आरक्षण का वर्गीकरण कर अति दलितों को अलग आरक्षण देने का आदेश दिया।
पत्र में यह उल्लेख किया गया है कि इस निर्णय से वाल्मीकि समाज जैसे अति दलित समुदाय के सदस्यों को भी आरक्षण का लाभ मिलेगा, जो कि लंबे समय से समाज में उनके अधिकारों की पूर्ति की मांग कर रहे थे। वर्तमान में, दलित आरक्षण का लाभ मुख्य रूप से एक जाति तक सीमित है, जबकि अति दलित समुदाय के सदस्य उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बावजूद निम्नस्तरीय नौकरियों के लिए मजबूर हैं।
पत्र में इस निर्णय के क्रियान्वयन की मांग की गई है ताकि अति दलितों को समान अवसर प्राप्त हो सकें और उनके जीवन में सुधार हो सके।
इस पत्र में शामिल व्यक्तियों में दीपसिंह राही, प्रेम नरेश वाल्मीकि, परवेश वाल्मीकि रावत, वाल्मीकि प्रदीप राज हंस, राजू वाल्मीकि, राकेश सुभाष, कपिल वाल्मीकि, दीप सिंह राही, सरवेश वाल्मीकि, मुकेश, अविनाश सिंह रवि जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं।
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**FAQs:**
1. **What did the Supreme Court ruling on July 31, 2024, entail?**
- The ruling directed the classification of Scheduled Caste reservations and the provision of separate reservations for extremely marginalized Dalits.
2. **Who are the key figures involved in supporting this decision in Rampur?**
- The key figures include Deep Singh Rahi, Prem Naresh Valmiki, Parvesh Valmiki Rawat, and several other community leaders.
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