**Rampur News: अनुसूचित जातियों के उपवर्गीकरण के विरोध में ज्ञापन सौंपा गया 📜**

रामपुर। भारतीय बौद्ध महासभा उत्तर प्रदेश की जिला शाखा रामपुर ने अनुसूचित जातियों और जनजातियों के उपवर्गीकरण और क्रीमी लेयर के प्रावधानों के विरोध में जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा। महासभा के सदस्यों ने इस ज्ञापन के माध्यम से मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट के 1 अगस्त 2024 को दिए गए आदेश को निरस्त किया जाए और आरक्षण को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल किया जाए। 

ज्ञापन में कहा गया कि यह निर्णय समाज में विभाजन को बढ़ावा देगा और अनुसूचित जाति व जनजातियों के संवैधानिक अधिकारों का हनन करेगा। इसके खिलाफ जिला स्तर पर विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं और सभी जिला शाखाओं ने राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा है। 

रामपुर में आयोजित इस कार्यक्रम में महासभा के कई प्रमुख सदस्य और सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित थे। ज्ञापन में मांग की गई कि राष्ट्रपति अपने संवैधानिक अधिकारों का प्रयोग करते हुए संसद का विशेष अधिवेशन बुलाने का आदेश पारित करें, ताकि इन वर्गों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा हो सके। 

अपर जिलाधिकारी ने ज्ञापन प्राप्त किया और इसे आगे भेजने का आश्वासन दिया। 

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**English Keywords**: Indian Buddhist Society, Supreme Court, SC/ST sub-classification, Creamy Layer, latest news from Rampur

**FAQs:**

1. **Why was the memorandum submitted to the President?**
   The memorandum was submitted to oppose the Supreme Court's decision on the sub-classification of Scheduled Castes and Tribes and to request that these rights be protected by including them in the Ninth Schedule of the Constitution.

2. **What are the key concerns raised by the Indian Buddhist Society?**
   The society expressed concerns that the Supreme Court's decision could lead to division within the SC/ST communities and undermine their constitutional reservation rights.

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