सोमवार को सुबह दस बजे दलित के साथ मारपीट करने व जातिसूचक शब्दों से अपमानित के बाद हुए विवाद में पुलिस ने देर शाम तीन के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर लिया। मुकदमा पंजीकृत होने के बाद आरोपियों में खलबली मच गई। एक आरोपी का पिता सोमवार की रात साढ़े ग्यारह बजे कोतवाली पहुंचा और सोमवार को सुबह दस बजे हुई घटना का जिक्र करते हुए घटना में अपने आपको घायल बताया। पुलिस ने उसकी तहरीर पर उसे मेडिकल के लिए मिलक के सरकारी अस्पताल भेज दिया। दरसल कोतवाली क्षेत्र के सिर्रा गांव में मुरादाबाद निवासी संजीव अपनी ससुराल आया हुआ था। सोमवार को सुबह दस बजे वह सामान लेने बाइक से मिलक जा रहा था। इस दौरान गांव निवासी उगेंद्र सिंह उसकी बाइक में टक्कर मार दी और अभद्र व्यवहार किया।विरोध करते हुए संजीव ने ससुरालियों का जिक्र किया तो उगेंद्र सिंह ने संजीव को जातिसूचक शब्दों से अपमानित करते हुए ललकार दिया। सूचना पर पहुंचे फूल सिंह,दीपक व अन्य लोगों ने उगेंद्र के घर पर जाकर मामले के शिकायत की तो उगेंद्र व उसके भाइयों ने फूल सिंह,दीपक व अन्य लोगों पर धारदार हथियार से जाननलेवा हमला बोल दिया। जिसमें दीपक बुरी तरह घायल हो गया। फूल सिंह की तहरीर पर पुलिस ने रात नौ बजे उगेंद्र,जसमेंद्र व ईशु के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर लिया। मुकदमा पंजीकृत होता देख आरोपियों ने रणनीति बनाना शुरू कर दी। और उगेंद्र के पिता राजवीर निवासी ग्राम सिर्रा सोमवार की रात करीब साढ़े ग्यारह बजे कोतवाली पहुंच गया। पुलिस ने उसकी तहरीर लेकर उसे मेडिकल के लिए भेज दिया। सबाल यह कि सुबह दस बजे की घटना के बाद राजवीर ने कोतवाली मिलक में पहुंचकर कनूनी कार्रवाई के लिए कोई प्रार्थना पत्र क्यों नहीं दिया। पुत्र व उसके साथियों पर मुकदमा पंजीकृत होने के बाद राजवीर को घटना की याद आयी और सोमवार की रात साढ़े ग्यारह बजे हाथ मे चोट लगने की शिकायत लेकर कोतवाली पहुंच गया। हाथ मे लगी चोट को उसने 14 घंटे तक कैसे बर्दास्त कर लिया या पुलिस को गुमराह करने की यह एक साजिस है।
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