**जयपुर:** भारतीय कला, संस्कृति और साहित्य के प्रति समर्पित संस्था जश्न-ए-अदब द्वारा जयपुर के जवाहर कला केंद्र में आयोजित 'कल्चरल कारवां विरासत' के दौरान प्रसिद्ध दास्तानगो सैयद साहिल आगा ने अमीर खुसरो पर आधारित 'दास्तान कारवांने खुसरो' का प्रदर्शन किया। इस दास्तानगोई ने श्रोताओं को अद्भुत किस्सागोई और अमीर खुसरो की जीवन यात्रा से परिचित कराया, जिसमें उनकी शायरी, संगीत, और सूफीवाद का प्रभावशाली वर्णन था। 🌟
**दास्तानगोई का प्रभाव:**
सैयद साहिल आगा की इस प्रस्तुति ने न केवल दर्शकों को अमीर खुसरो के जीवन और उनके योगदान की गहराइयों से परिचित कराया, बल्कि पारंपरिक दास्तानगोई की कला को भी मंच पर जीवंत किया। दर्शकों ने कहानी के हर मोड़ पर तालियों के साथ अपनी प्रतिक्रिया दी, और इस प्रदर्शन को जयपुर के सांस्कृतिक कार्यक्रमों में एक महत्वपूर्ण घटना के रूप में याद किया जाएगा।
**कल्चरल कारवां विरासत का मुख्य आकर्षण:**
इस दास्तानगोई ने कार्यक्रम के अन्य हिस्सों के बीच भी खासा ध्यान आकर्षित किया। अमीर खुसरो की दास्तान को सुनकर श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए और उन्हें एक अलग ही दुनिया में ले जाया गया। इस दास्तानगोई ने आधुनिक दर्शकों को भी पारंपरिक किस्सागोई की कला से जोड़ने का काम किया।
**संस्थापक का विचार:**
जश्न-ए-अदब के संस्थापक, कुँवर रंजीत चौहान ने कहा, "दास्तानगोई हमारी सांस्कृतिक विरासत का एक अनमोल हिस्सा है, और इसे मंच पर लाकर हम भारतीय कला और साहित्य को एक नई दिशा देने का प्रयास कर रहे हैं।"
**हैशटैग्स और कीवर्ड्स:**
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**Keywords:** "Dastangoi performance," "Amir Khusro stories," "traditional storytelling in India"
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