सरकार द्वारा खाद्यान्न वितरण प्रणाली के अंतर्गत सस्ता गल्ला विक्रेता की दुकानों से निर्धन श्रेणी के परिवारों को अनाज वितरण किया जाता है।पूर्व में कांग्रेस की केंद्र सरकार द्वारा इस प्रणांली के अंतर्गत निर्धन परिवारों को कम दामों में सरकारी खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाता था। वर्तमान में देश की भाजपा सरकार द्वारा निर्धन श्रेणी के लोगों को निशुल्क खाद्यान्न वितरण कराया जा रहा।जिसमें गेंहू,चावल व अन्य भोज्यपदार्थ शामिल हैं। सस्ता गल्ला विक्रेता पात्र धारकों को पूरा राशन वितरण करें इसलिए दुकानों में डिजिटल कांटे लागये गए हैं जो सरकारी वितरण प्रणाली से सीधे जुड़े हुए हैं। अब किसी भी पात्र व्यक्ति को निर्धारित मात्रा से कम राशन नहीं मिल सकता। लेकिन शातिर अधिकारी घूसखोरी की कोई न कोई नई जुगत निकाल ही लेते हैं। वर्तमान में निर्धारित बजन के कट्टे तैयार कर लिए है जिन्हें कांटे पर रखकर पात्र व्यक्ति के फिंगरप्रिंट लगाते समय मशीन द्वारा पूरा गल्ला सिस्टम में फीड हो जाता और मशीन सफलतापूर्वक राशन वितरण को हरी झंडी दे दी है। उसके बाद दूसरे कांटे से पात्र व्यक्ति को सुविधानुसार तहर तहर के बहाने बनाकर उनके राशन में कटौती की जाती है। चूंकि पात्र व्यक्ति मशीन में फिंगरप्रिंट लगाकर ऑनलाइन सर्वर से जुड़े इलेक्ट्रॉनिक कांटे से पूरा राशन प्राप्त कर चुका होता है। इसके बाद वह कोई शिकायत करने को बाध्य नही होता। इसी जुगत का कोटा डीलर और विभागीय अधिकारी पूरा फायदा उठाते हैं। सरकार द्वारा गरीबो को दिये जा रहे निशुल्क राशन में इस तरह की सेंधमारी कर अधिकारी गरीबों को मिलने बाले निशुल्क राशन पर खूब डांका डाल रहे हैं।जिसकी शिकायत आये दिन जनपद के किसी न किसी गांव में मिल जाती है। अधिकारियों की इस घूसखोरी से परेशान होकर कुछ कोटा डीलरों ने तो त्याग पत्र दे दिया है।बाकी कोटा डीलरों द्वारा कम राशन देने पर आयेदिन ग्रामीणों से झड़प होती रहती है। रविवार को पटवाई थाना क्षेत्र व सदर तहसील क्षेत्र के रहटगंज में कोटा डीलर द्वारा निशुल्क गल्ले का वितरण किया जा रहा था।इस पर एक ग्रामीण विरोध जता दिया तो कोटा डीलर आगबबूला हो गया और अभद्रता व्यवहार करते हुए आरोप लगाया कि जिला पूर्ति अधिकारी को 12 रुपये प्रति राशन कार्ड की रिश्वत देता हूँ। इसलिए एक किलो राशन कम दिया जाता। अधिकारियों को दिए जाने बाली घूस वह अपनी जमीन और घर बेचकर नहीं देगा। यदि विश्वास नहीं है तो मेरी शिकायत अधिकारियों से कर दो।उसका कोई भी बाल का बांका नहीं कर सकता। और अभद्र व्यवहार कर पात्र धारकों को दुकान के बाहर खदेड़ दिया। मौके पर मौजूद कुछ पात्र धारकों ने बताया कि केवाईसी का बहाना बनाकर उनके राशन कार्ड में अंकित यूनिटों के हिसाब से दुकानदार राशन नहीं देता। विरोध करने पर लड़ाई झगड़े पर आमादा हो जाता है। कोटा डीलर द्वारा खोली गई पोल की ऑडियो व वीडियो वारयल हो गयी जो कि अब रामपुर जिले में चर्चा में विषय बन गया है। वहीं रामपुर जनपद के कोटा डीलरों की सांसें भी गले मे अटक गयीं है। मामले की जानकारी जिला पूर्ति अधिकारी से गयी तो उन्होंने यह कहकर मामले से किनारा कर लिया को उनकी जनपद रामपुर अभी नई तैनाती हुई है। उन्हें मामले का संज्ञान नहीं है। संज्ञान आने पर विधिक कार्रवाई की जयगी।
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