निर्बल वर्ग सेवा समिति रामपुर के तत्वाधान में, उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी लखनऊ की वित्तीय सहायता से मुरादाबाद मुस्लिम डिग्री कॉलेज में एक राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार का विषय "रुहेलखंड में उर्दू गजल का इरतिका" था। इस महत्वपूर्ण सेमिनार की अध्यक्षता कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आई ए आज़मी ने की। उन्होंने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में भारत के स्वतंत्रता संग्राम में उर्दू प्रेस, लेखकों, पत्रकारों और शायरों के योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में प्रेस की भूमिका को भी महत्वपूर्ण बताया। 📰
सेमिनार के मुख्य अतिथि, अंतर्राष्ट्रीय शायर और मंच संचालक मंसूर उस्मानी ने रुहेलखंड में उर्दू गजल की भूमिका और उसकी अनमोल धरोहर पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि रुहेलखंड में उर्दू गजल ने एक नई इतिहास रची है, जिसके निशान कभी मिटाये नहीं जा सकते। 🌟
इस अवसर पर डॉ. शफी अय्यूब (दिल्ली), डॉ. मोहम्मद आसिफ, डॉ. जेबा नाज़, डॉ. मैराजुल हसन सहसवानी, डॉ. रबाब अंजुम और रईस मंजर ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए। सेमिनार में उर्दू गजल के विभिन्न आयामों पर विस्तार से चर्चा की गई। 🎤
सेमिनार का संचालन कुशलतापूर्वक डॉ. शाकिर हुसैन इस्लाही ने किया। इस अवसर पर डॉ. रूबी सुल्ताना, मोहम्मद आसिफ, शहजाद अजीज, डॉ. असद, डॉ. हारिस, डॉ. नीलोफ़र, मोहम्मद जुबैर, डॉ. इमरान अली, डॉ. नईम और मोहम्मद फहीम ने विशेष सहयोग प्रदान किया। 🎓
सेमिनार में छात्रों ने भी विशेष रुचि दिखाई और अंत तक सेमिनार हॉल छात्रों से भरा रहा। कार्यक्रम के अंत में सोसाइटी के नुमाइंदे फय्याज अली ने सभी मेहमानों का आभार व्यक्त किया। 🙏
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**FAQ**
1. **What was the main topic discussed at the seminar held in Moradabad Muslim Degree College?**
The seminar focused on the evolution of Urdu Ghazal in Rohilkhand and its contribution to Indian literature and independence.
2. **Who was the chief guest at the seminar?**
The chief guest was renowned international poet and stage director Mansoor Usmani, who highlighted the legacy of Urdu Ghazal in Rohilkhand.
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**Poll:**
Do you believe seminars on Urdu literature can help promote cultural heritage?
- Yes, they help preserve and promote the language.
- No, other methods are more effective.
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