रामपुर। मुस्लिम महासंघ ने यति नरसिंहानंद सरस्वती द्वारा इस्लाम के पैगंबर के प्रति अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने पर कड़ा विरोध दर्ज कराया है। महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष फरहत अली खान ने एक बयान में कहा कि यति ने न केवल धार्मिक मर्यादाओं का उल्लंघन किया है, बल्कि वह देश की एकता और अखंडता को भी खतरे में डाल रहे हैं।
फरहत अली खान ने कहा, "धर्मनिरपेक्ष भारत में सभी धर्मों का सम्मान किया जाता है। किसी भी व्यक्ति को दूसरों के धर्म का अपमान करने का अधिकार नहीं है।" उन्होंने आगे कहा कि यदि यति की भाषा को समझा गया और कोई अप्रिय घटना घटी, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
मुस्लिम महासंघ ने सभी मुसलमानों से अपील की है कि वे संयम बनाए रखें और कानून का सम्मान करें। फरहत अली खान ने कहा, "कानून से देश चलता है, और हम सभी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई भी धर्म या समुदाय अपमानित न हो।"
उन्होंने यह भी कहा कि यति की टिप्पणियों को केवल एक व्यक्ति विशेष के खिलाफ समझा जाना चाहिए और इसे हिंदू समुदाय या किसी राजनीतिक पार्टी से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।
फरहत अली खान ने अंत में कहा, "हम सभी राष्ट्रप्रेमी मुसलमानों से आग्रह करते हैं कि वे देश की एकता और अखंडता की रक्षा करें और किसी भी तरह के हिंसा या तनाव से बचें।"
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**FAQs:**
**Q1: Why is the Muslim Mahasangh opposing Yati Nand?**
A1: The Muslim Mahasangh is opposing Yati Nand for using derogatory language towards the Prophet of Islam, which they believe undermines religious respect and unity.
**Q2: What is the call to action from the Muslim Mahasangh?**
A2: The Muslim Mahasangh urges all Muslims to remain calm, respect the law, and work towards maintaining the unity and integrity of the country.
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