वन विभाग की मिलीभगत से दबंगों ने बिना अनुमति के ग्राम समाज की जमीन में खड़े पेड़ कटवा दिए। एक तरफ सरकार पर्यावरण को बचाने के लिए प्रति बर्ष करोड़ों पौधारोपण करवाती है वहीं दूसरी तरफ वन विभाग के अधिकारी चंद रुपयों के लालच में हरे भरे बृक्ष कटवाने में जूट हुए हैं। सूचना पर पहुंचे ग्राम प्रधान को देख दबंग लकड़ी से भरी ट्रैक्टर ट्रॉली छोड़ कर फरार हो गए।मामला खुटिया करीमगंज गांव का है। गांव में गाटा संख्या 59/2 रखवा .8480 एकड़ जमीन ग्राम समाज की है। ग्राम समाज की जमीन में काफी पुराने हरे बृक्ष खड़े थे। वन विभाग के निवेदन करने पर मौखिक रूप से ग्रामबासिय ने जमीन को नर्सरी तैयार करने हेतु वन विभाग को दे दी थी। सरकार द्वारा गांवों में युवाओं और बंच्चो को खेलने के लिए स्टेडियम तैयार कराए जा रहे हैं। ग्राम प्रधान व ग्राम सचिव ने उक्त जमीन का स्टेडियम बनबाने के लिए प्रस्तावित कर चुके हैं। ग्राम प्रधान ने एक बर्ष पूर्व उक्त जमीन को स्टेडियम निर्माण हेतु वन विभाग से जमीन खाली करने का आग्रह किया था। वन विभाग ने बीते जुलाई माह जमीन करने का आश्वासन दिया था लेकिन वन विभाग जमीन से कब्जा नहीं हटाया। जिला वन अधिकारी की बिना अनुमति के क्षेत्रीय वन रेंजर ने मौखिक रूप से ठेकेदार को ग्राम समाज की में खड़े हरे भरे बृक्ष काटने का आदेश दे दिया। शुक्रवार और शनिवार को ठेकेदार द्वारा बृक्षों का कटान कर दिया गया।शनिवार को जब ग्राम प्रधान को जानकारी मिली कि उसकी बिना अनुमति के वन विभाग ग्राम समाज मे खड़े हरे भरे बृक्षों को काटकर ले जाया जा रहा है। तब उसने अनुमति के कागजात दिखाने को कहा तो ठेकेदार व चालक सकपका गए। जिनमे गुड्डू निवासी ग्राम करनपुर तहसील सदर, बबलू निवासी ग्राम बढ़पुरा तहसील सदर व ट्रैक्टर चालक नूर अहमद निवासी ग्राम लालपुर तहसील सदर जिला रामपुर ट्रैक्टर ट्रॉली छोड़कर भाग खड़े हुए। ग्राम प्रधान नितेश गंगवार ने मामले की शिकायत तहसील प्रशासन को दी तो मौके पर पहुंचे लेखपाल अमित व आयुष ने कटान का अवैध बताते हुए लकड़ी से भरी ट्रैक्टर ट्रॉली ग्राम प्रधान के सुपर्द कर दी।
मामले की जानकारी जब क्षेत्रीय वन दरोगा प्रताप से ली गई तो उन्होंने बताया की ठेकेदार से सिर्फ बृक्षों की छटाई करने को कहा गया था।उन्होंने बताया कि ठेकेदार द्वारा यह कृत्य उनकी अनुपस्थिति व बिना बताए किया गया है। चौकीदार व ठवकेदार के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जयगी।
जिला वन अधिकारी राजीव कुमार ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है। उनकी बिना अनुमति के वन रेंजर ने ग्राम समाज की भूमि से हरे भरे बृक्ष कैसे कटवा दिए। रेंजर, वन दरोगा, चौकीदार व ठेकेदार के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कराया जाएगा। साथ ही खुटिया गांव में नर्सरी तैयार करने बाली जगह की पत्रवलियों की खोजबीन की जयगी।
इसलिए हैं लकड़ी माफियाओं के हौसले बुलंद
दरसल यह रामपुर जिले में पहला मामला नहीं है।ऐसे न जाने कितने मामले पूर्व में घटित हो चुके हैं। वन विभाग की मिलीभगत से बिना अनुमति के रामपुर जिले में हरे भरे बृक्षों का बड़ी संख्या में कटान किया जा रहा है। वन विभाग की मौजूदगी देख कोई इनकी जांच नहीं करवाता और न ही कोई उच्च अधिकारियों से शिकायत करता है। कनूनी कार्रवाई के नाम दोषियों अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ सिर्फ दिखावे के लिए विभागीय कार्रवाई कर दी जाती है।साथ लकड़ी माफियाओं के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर दिया जाता है।जिन पर ओने पौने रुपयों का जुर्माना डालकर मामले को रफा दफा कर दिया जाता।जिस कारण लकड़ी माफियाओं के हौसले सातवें आसमान पर हैं।
स्टेडियम में खिलाड़ियों की छाया बनते बृक्ष
गांव की ग्राम समाज की भूमि में तैयार हो रही वन विभाग की नर्सरी से कब्जामुक्त होने के बाद स्टेडियम का निर्माण सुनिश्चित है।जो कि पूर्व से प्रस्तावित है। स्टेडियम बनने के बाद बृक्ष खिलाड़ियों के लिए गर्मी में राहत देते और उन्हें बृक्षों से छाया मिलती।लेकिन वन विभाग की मिलीभगत से बृक्षों को दबंगों द्वारा कटवा दिया गया।
प्रस्ताव पास कर ग्राम प्रधान कटवा सकता है बृक्ष
यदि किसी गाँव मे ग्राम समाज की जमीन पर बृक्ष लगे हुए है तो किसी अति आवश्यक निर्माण कार्य मे बाधा खड़ी कर रहे हैं।या फिर सूख गए है तो ग्राम प्रधान व ग्राम सचिव उन्हें कटवाने के लिए प्रस्ताव पास करेंगे और कटान की अनुमति के लिए जिला वन अधिकारी के कार्यालय में आवेदन करेंगे तो अनुमति के बाद बृक्ष कट सकते हैं।बृक्षों से हुई आमदनी को गाँव के विकास कार्यों में खर्च किया जा सकता है।
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