शुक्रवार को नगर के हाइवे स्थित कृषि अनाज मंडी में आढ़तियों ने बिना किसी सूचना के सुबह से ही से ही हड़ताल पर चले गए। जिससे किसानों में रोष फैल गया। एसडीएम के निर्देश पर मंडी सचिव द्वारा अमन ट्रेडिंग कंपनी का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया तथा मंडी सचिव द्वारा मंडी परिसर में आढ़तियों द्वारा किसानों से दो प्रतिशत की अवैध कटौती न करने के जगह जगह फ्लेक्स लगवा दिए जाने का विरोध किया। और धान खरीद से साफ इंकार कर दिया। जिससे किसानों में आक्रोश फैल गया। सूचना पर एसडीएम राजेश कुमार व नायाब तहसीलदार अंकित अवस्थी मंडी पहुंच गए। दोनों अधिकारियों ने आढ़तियों तथा किसानों से वार्तालाप की। लेकिन आढ़तियों ने अधिकारियों की एक न सुनी। आढ़तियों द्वारा तहसील प्रशासन से तत्काल मंडी सचिव के स्थानांतरण कराने की मांग की तथा पुरानी व्यवस्था के साथ धान खरीद को कहा। जिस पर किसानों का खून खौल उठा। उन्होंने मंडी सचिव के समर्थन में आढ़तियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। मौजूद किसानों ने मंडी सचिव के समर्थन में आढ़तियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। एसडीएम राजेश कुमार से धान की खरीद न करने पर आढ़तियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। किसानों ने कहा कि यदि मंडी सचिव का स्थानांतरण किया गया तो अपनी धान की फसल के साथ सडक जाम करेंगे तथा आत्मदाह की चेतावनी दे दी । किसान और आढ़ती मंडी परिसर में आमने सामने आ गए। इस दौरान किसान और आढ़ती अपनी अपनी मांगों को लेकर घंटो मंडी परिसर में हंगामा काटते रहे। आढ़तियों और किसानों की मांगों पर प्रशासन निर्णय लेने में उलझ गया है। मामले को गंभीर देखते हुए तहसील प्रशासन ने मामले से जिला प्रशासन को अवगत कराया। मामले को लेकर जिला प्रशासन भी समस्या के समाधान में जुट गया है। आठ घंटे बीत जाने के बाद भी किसान और आढ़तियों के बीच बात नहीं बन पायी। मंडी में आढ़तियों और किसानों का हंगामा की सूचना पर सीओ आरएस परिहार मंडी पहुंच गए हैं। मंडी में शांति व्यवस्था बनाये रखने के निर्देश दिए हैं।साथ ही समस्या का समाधान होने तक किसानों व आढ़तियों से शांति व्यवस्था बनाये रखने की अपील की है। सीओ और एसडीएम किसानों और आढ़तियों को मनाने में जुट गए हैं। समस्या के समाधान के लिए मंडी के आढ़तियों और अधिकारियों के बीच वार्तालाप शुरू हुयी। एक घंटे तक चली वार्तालाप के दौरान मंडी में मौजूद किसान अधिकारियों के निर्णय का इंतजार करते रहे। अधिकारियों एंव आढ़तियों के बीच चली वार्तालाप में अधिकारियों को आढ़तियों के सामने झुकना पड़ा और एसडीएम राजेश कुमार ने नितस्त लाइसेंस के बहाली पर सहमती जता दी। इसके बाद धान खरीददारी में दो प्रतिशत की कटौती पर चर्चा हुई तो भी आढ़ती पुरानी व्यवस्था पर अड़े रहे। प्रशासन को आढ़तियों की दूसरी मांग भी माननी पड़ी। मंडी सचिव के स्थानांतरण पर हुई सहमति में आढ़तियों को अपने कदम पीछे हटाने पड़े। इसके बाद दोपहर तीन बजे किसानों को निर्णय सुनाया गया और किसानों से आढ़तियों को धान बिक्रय करने को कहा गया।जिस पर किसान मान गए। इसके बाद किसानों ने मंडी में धान की बेचना शुरू कर दिया। मंडी में किसानों और आढ़तियों के बीच हुए विवाद को खत्म होने के बाद अधिकारियों ने राहत की सांस ली।
दो प्रतिशत की कटौती की जाती है। किसानों ने मंडी सचिव का समर्थन में खुलकर मैदान में आ गए और मंडी सचिव के स्थानांतरण न किये जाने की जिद्द पर अड़ गए। इस दौरान मुनेश पाल, कैलाश गंगवार, महेश गंगवार, शानू, जाहिद हुसैन, जय सिंह, देवा, ओमकार सहित सैकड़ों किसान थे।
0 टिप्पणियाँ