रामपुर में संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर विभिन्न किसान संगठनों ने शहीद किसानों को नमन करते हुए श्रद्धांजलि दी। किसान संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजिंदर सिंह विर्क और भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के प्रदेश महासचिव हसीब अहमद ने इस अवसर पर संयुक्त बयान जारी किया। उन्होंने कहा कि आज से लगभग तीन वर्ष पहले केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टैनी के इशारे पर किसानों की निर्मम हत्या कर दी गई थी, लेकिन लखीमपुर खीरी में शहीद हुए किसानों को अभी तक न्याय नहीं मिला है। ⚖️
तेजिंदर सिंह विर्क ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा पिछले तीन वर्षों से इंसाफ की मांग कर रहा है और सरकार को ऐसे मंत्री को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाना चाहिए। प्रदेश महासचिव हसीब अहमद ने कहा कि 750 किसानों की शहादत पर भी सरकार खामोश है। उन्होंने शहीद किसानों के ग्रह जनपद में स्मारक बनाने, उनके परिवारों को मुआवजा देने, और एक-एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की। साथ ही, उन्होंने एमएसपी गारंटी कानून लागू करने की भी अपील की। 🌱
इस अवसर पर नदीम खां, जुबैद आलम, मोहम्मद तालिब, अरशद पाशा, छिद्दा नेता, साहब सिंह, चौधरी राजपाल सिंह, नल सिंह यादव, दरबारी लाल शर्मा, गुलाम मोहम्मद, मोहम्मद खालिद, सुलेमान अली, सर्व विक्रम जीत सिंह, भूपेंद्र सिंह, कुशल नजीब, नसीर अली, और सद्दाम पाशा समेत कई अन्य किसान नेता उपस्थित रहे। ✊
**हैशटैग्स और कीवर्ड्स**
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**FAQs**
1. **What is the reason for the tribute to farmers in Rampur?**
The tribute is to honor the farmers who lost their lives during the protests and to demand justice for them.
2. **What demands were made during this tribute?**
The demands included building memorials for the martyrs, compensation for their families, government jobs for family members, and the implementation of the MSP guarantee law.
**Poll:**
Do you support the demands made for the farmers who were martyred?
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