सोमवार को भारतीय किसान संघ के ग्राम अध्यक्ष धर्मेंद्र दिवाकर की अध्यक्षता में ग्राम विक्रमपुर में दत्तोपंत ठेंगड़ी को पुष्पांजलि अर्पित की एवं पुण्यतिथि मनाई l जिला अध्यक्ष वीरेश शर्मा ने बताया ठेंगड़ी 1951 से 1953 तक मध्य प्रदेश में 'भारतीय जनसंघ' के संगठन मन्त्री रहे; पर मजदूर क्षेत्र में आने के बाद उन्होंने राजनीति छोड़ दी। 1964 से सन् 1976 तक दो बार वे राज्यसभा के सदस्य रहे। उन्होंने विश्व के अनेक देशों का प्रवास किया। वे हर स्थान पर मजदूर आन्दोलन के साथ-साथ वहाँ की सामाजिक स्थिति का अध्ययन भी किया करते थे। इसी कारण चीन और रूस जैसे कम्युनिस्ट देश भी उन से श्रमिक समस्याओं पर परामर्श करते थे। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, स्वदेशी जागरण मंच, भारतीय किसान संघ, मै भी उनकी प्रमुख भूमिका रही।26 जून, 1975 को देश में आपात-काल लगने पर, ठेंगड़ी ने भूमि-गत रह कर ‘लोक संघर्ष समिति’ के सचिव के नाते तानाशाही विरोधी आन्दोलन को संचालित किया। जनता पार्टी की सरकार बनने पर जब अन्य नेता कुर्सियों के लिए लड़ रहे थे; तब ठेंगड़ी ने मजदूर क्षेत्र में काम करना ही पसंद किया ।14 अक्तूबर, सन् 2004 को उनका देहान्त हुआ। ठेंगड़ी, अनेक भाषाओं के ज्ञाता थे। उन्होंने हिन्दी में 28, अंग्रेजी में 12 तथा मराठी में तीन पुस्तकें लिखीं। इन में लक्ष्य और कार्य, एकात्म - मानव - दर्शन, ध्येय-पथ, बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर, सप्तक्रम, हमारा अधिष्ठान,आदि प्रमुख हैं। अरविंद कुमार, घनश्याम कुर्मी सोनू शर्मा, अरविंद गंगबार, अरुण कुमार आकाश कश्यप, विशेष दिवाकर, यश श्रीवास्तव, अरविंद आदि किसान रहे l
The Menu of this blog is loading..........
0 टिप्पणियाँ