Rampur News: जौहर यूनिवर्सिटी में शत्रु संपत्ति की जियो टैगिंग के लिए DGPS सर्वे शुरू


रामपुर, 8 दिसंबर 2024: रामपुर स्थित जौहर यूनिवर्सिटी में शत्रु संपत्ति विभाग की टीम ने DGPS सर्वे शुरू किया। इस सर्वे का उद्देश्य यूनिवर्सिटी में मौजूद शत्रु संपत्ति की सटीक पहचान और जियो टैगिंग करना है। टीम ने यूनिवर्सिटी की संपत्तियों का निरीक्षण किया, जिसमें 13.08 हेक्टेयर जमीन और उससे जुड़ी दो इमारतें शामिल हैं।

क्या है शत्रु संपत्ति का मामला? 📍

शत्रु संपत्ति वह संपत्ति है, जो 1965 और 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान पाकिस्तान जाने वाले नागरिकों की मानी जाती है। भारत सरकार के तहत इन संपत्तियों को संरक्षित और प्रबंधित किया जाता है।

  • जौहर यूनिवर्सिटी की यह जमीन शत्रु संपत्ति के तहत चिन्हित है और इसे पहले ही सील किया जा चुका है।
  • यूनिवर्सिटी की दो बिल्डिंग्स को भी शत्रु संपत्ति के दायरे में लाया गया है।

DGPS सर्वे का उद्देश्य 🌐

DGPS (Differential Global Positioning System) तकनीक का उपयोग करते हुए संपत्ति का सटीक भौगोलिक स्थान और उसकी सीमाओं को निर्धारित किया जाएगा।

  1. सटीक जियो टैगिंग: इससे संपत्ति की लोकेशन का डिजिटल डेटा तैयार होगा।
  2. डिजिटल रिकॉर्ड: विवादित संपत्तियों की सटीक स्थिति का रिकॉर्ड रखने में सहायक।
  3. पारदर्शिता: संपत्ति विवादों को सुलझाने के लिए ठोस सबूत।

जौहर यूनिवर्सिटी और आज़म खान का कनेक्शन 🔍

  • जौहर यूनिवर्सिटी के संस्थापक आजम खान, जो वर्तमान में सीतापुर जेल में बंद हैं, पर आरोप है कि उन्होंने इस जमीन को गलत तरीके से यूनिवर्सिटी के तहत शामिल किया।
  • 13.08 हेक्टेयर जमीन को शत्रु संपत्ति के रूप में दर्ज किया गया है।
  • इस जमीन और इमारतों पर पहले ही सरकार ने सील लगा दी थी।

शत्रु संपत्ति विभाग की भूमिका 🏛️

शत्रु संपत्ति विभाग भारत सरकार की ओर से संचालित एक विशेष इकाई है, जो इन संपत्तियों की पहचान, प्रबंधन और पुनर्स्थापन का काम करता है। रामपुर में यह कार्रवाई यूनिवर्सिटी की विवादित संपत्ति की जांच और रिकॉर्ड के लिए की गई है।

स्थानीय प्रतिक्रिया और माहौल 🌟

इस कार्रवाई के दौरान स्थानीय लोगों में काफी उत्सुकता रही। लोगों ने इस सर्वे को सरकार की ओर से पारदर्शी कदम बताया। हालांकि, कुछ समर्थकों का मानना है कि यह राजनीतिक उद्देश्य से प्रेरित हो सकता है।

DGPS सर्वे की तकनीकी प्रक्रिया 🔧

  • सर्वे उपकरण: DGPS का उपयोग करते हुए जमीन की सटीक नापजोख।
  • डेटा संग्रह: जमीन और इमारतों की सटीक लोकेशन का डिजिटल डेटा तैयार करना।
  • रिपोर्टिंग: प्राप्त डेटा को विभागीय रिपोर्ट में शामिल करना।

भविष्य की योजनाएं 📜

शत्रु संपत्ति की जियो टैगिंग और रिकॉर्ड बनाने के बाद, सरकार इस संपत्ति को कानूनी रूप से अपने कब्जे में ले सकती है। इसके अलावा, इन संपत्तियों के सार्वजनिक उपयोग के लिए योजनाएं भी बनाई जा सकती हैं।

हैशटैग और कीवर्ड्स

#RampurNews #JoharUniversity #EnemyProperty #DGPSsurvey #AzamKhan
Keywords: Johar University enemy property, DGPS survey Rampur, Azam Khan property news, latest news from Rampur

रामपुर में लोकल खबरों ओर अपडेट के लिए www.Snaprampur.xyz (Faster Local News Service of Rampur) पर लोग इन करे।


FAQs

1. What is the purpose of the DGPS survey at Johar University?
The DGPS survey aims to identify and geotag the enemy property located within the premises of Johar University, ensuring accurate record-keeping and dispute resolution.

2. How much land of Johar University is marked as enemy property?
A total of 13.08 hectares, including two buildings, is marked as enemy property by the government.


Poll: क्या आपको लगता है कि जौहर यूनिवर्सिटी में DGPS सर्वे सही कदम है?

  1. हां ✅
  2. नहीं ❌

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

EDITOR PICK

Rampur News:  रिक्रूट आरक्षियों के प्रशिक्षण की व्यवस्थाओं का निरीक्षण 🚔