रामपुर। प्रसिद्ध उपन्यासकार और कवि विक्रम सेठ, जिन्होंने हनुमान चालीसा का अंग्रेजी में अनुवाद किया है, ने रजा लाइब्रेरी का दौरा किया। उन्होंने लाइब्रेरी में मौजूद पांडुलिपियों, कैलीग्राफी, शायरी संग्रह और लोहारू कलेक्शन का अवलोकन किया। दरबार हाल की भव्यता ने उन्हें विशेष रूप से प्रभावित किया। 📜
विक्रम सेठ का बयान:
उन्होंने कहा, "रजा लाइब्रेरी एक बहुमूल्य धरोहर है। यहां मौजूद ज्ञान के भंडार का लाभ उठाने के लिए मैं फिर रामपुर आऊंगा।"
सम्मान और उपलब्धियां:
विक्रम सेठ को पद्म श्री, साहित्य अकादमी पुरस्कार, प्रवासी भारतीय सम्मान, डब्ल्यूएच स्मिथ साहित्य पुरस्कार और क्रॉसवर्ड बुक सहित कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।
साथ में उपस्थित:
इस मौके पर इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज (इंटेक) रुहेलखंड चैप्टर के सह संयोजक काशिफ खां भी उनके साथ मौजूद रहे। उन्होंने भी रजा लाइब्रेरी की धरोहर को सराहा। ✨
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FAQs:
Q1: Why did Vikram Seth visit Raza Library?
Vikram Seth visited Raza Library to explore its collection of manuscripts, calligraphy, poetry, and the Loharu collection.
Q2: What did Vikram Seth say about Raza Library?
He praised Raza Library as a valuable heritage and expressed his intention to visit again to benefit from its vast knowledge resources.
Poll:
Do you think cultural icons visiting heritage sites encourage their preservation?
- Yes, it highlights their importance.
- No, more efforts are needed.
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