रामपुर। भारतीय किसान यूनियन भानु के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को कलेक्ट्रेट पर एकत्र होकर किसानों की समस्याओं को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। उन्होंने नारेबाजी करते हुए सरकार से अपनी समस्याओं के समाधान की मांग की। प्रदर्शन की अगुवाई राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मोहम्मद हनीफ वारसी ने की। 🌾
प्रदर्शन में किसानों ने मांग की कि चीनी मिलों पर गन्ना किसानों के अरबों रुपये बकाया हैं, जिसका शीघ्र भुगतान कराया जाए। इसके साथ ही किसानों ने बिजली के निजीकरण का विरोध करते हुए कहा कि इससे गरीब मजदूर और किसानों का शोषण होगा। उन्होंने दिल्ली और पंजाब की तर्ज पर उत्तर प्रदेश सरकार से 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने की मांग की। ⚡
किसानों ने आवारा पशुओं से फसलों को बचाने के लिए उन्हें सुरक्षित स्थानों पर रखने की व्यवस्था की मांग की। साथ ही, कीटनाशक दवाइयां और खाद को सब्सिडी पर उपलब्ध कराने की अपील की। प्रदर्शन के दौरान किसानों ने नारे लगाए,
"किसानों की मजबूरी है, कर्ज़ा माफ ज़रूरी है" और "बिजली फ्री करो"। 🌱
चार सूत्रीय ज्ञापन डीएम की गैरमौजूदगी में एडीएम के कार्यालय में सौंपा गया। किसानों ने बताया कि गन्ना मिलें मनमानी कर रही हैं और उनके पैसे रोके जा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार किसानों के बजाय चीनी मिलों का समर्थन कर रही है।
इस दौरान प्रदर्शन में मुराद खान, शोएब मक्खन सिंह, नाजिम अली, हड़ताल सिंह यादव, गुफरान, हाजी इमरान, नौबतराम, अरिजीत सिंह, महबूब अली पाशा, अशोक यादव, राम नारायण, मुरारी लाल सहित कई किसान शामिल रहे।
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FAQs:
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What were the key demands of the farmers in the protest?
The farmers demanded immediate payment of sugarcane dues, free electricity up to 300 units, subsidized fertilizers, and solutions for crop damage caused by stray animals. -
Who submitted the memorandum and to whom?
The memorandum was submitted to the ADM in the absence of the DM.
Poll:
क्या सरकार को किसानों की मांगों को तुरंत स्वीकार करना चाहिए?
1️⃣ हां
2️⃣ नहीं
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