जिले में ग्रीष्मकालीन धान/साठा धान की खेती पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने और आदेश का अनुपालन सख्ती से कराने के लिए जिलाधिकारी श्री जोगिंदर सिंह ने तहसीलवार 05 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। इस टीम में सम्बंधित उपजिलाधिकारी अध्यक्ष, सम्बंधित तहसीलदार, उप सम्भागीय कृषि प्रसार अधिकारी, सहायक वि0 अधिकारी (कृषि रक्षा) और जिला समन्वयक, यूपी डास्क को सदस्य के रूप में नामित किया गया है। यह टीम जनपद में साठाधान की खेती पर अंकुश लगायेगी और इसके स्थान पर कम पानी चाहने वाले एवं अधिक लाभ देने वाली उड़द मूंग सूरजमुखी मक्का आदि वैकल्पिक फसलों की खेती हेतु कृषकों को प्रोत्साहित भी करेगी।जिलाधिकारी ने बताया कि घटते भूजल स्तर की एक बड़ी वजह साठाधान की बढ़ती खेती को माना जा रहा है। भविष्य में जल संकट भी उत्पन्न हो सकता है, साथ ही पर्यावरण पर भी इसका दुष्प्रभाव देखने को मिलता है। उन्होंने बताया कि जिले में ग्रीष्मकालीन धान/साठाधान प्रतिबंधित है। यदि किसी भी कृषक द्वारा ग्रीष्मकालीन धान/साठाधान लगाया जाता है तो उसके विरुद्ध प्रशासनिक कार्यवाही की जाएगी। जिला कृषि अधिकारी कुलदीप सिंह राणा ने बताया कि जिले में कृषि विभाग के राजकीय कृषि बीज भंडारो द्वारा मक्का, उर्द एवं मूंग के बीज कृषकों को अनुदान पर उपलब्ध कराए जाएंगे वर्तमान समय में मक्का, उड़द, मूंग, सूरजमुखी आदि फसलों के बीच जनपद के निजी बीज विक्रय केंद्रों पर पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। उन्होंने सभी किसान संगठन के पदाधिकारियों व जन प्रतिनिधियों से भी अपील की है कि कृषकों को साठा धान न लगाने के लिए प्रेरित करें।
The Menu of this blog is loading..........
0 टिप्पणियाँ