रामपुर। जिले भर में किसानों ने राष्ट्रीय कृषि नीति रूपरेखा के विरोध में सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया। तहसील मुख्यालयों पर धरना दिया गया, कहीं प्रतियां फूंकी गईं, तो कहीं पुलिस ने प्रतियां छीन लीं। तहसील सदर में प्रदेश महासचिव हसीब अहमद और पुलिस के बीच झड़प हो गई। पुलिस ने किसानों को प्रतियां फूंकने से रोका, जिससे तनाव बढ़ गया।
प्रदर्शन की प्रमुख घटनाएं:
- तहसील सदर: प्रदेश महासचिव हसीब अहमद के नेतृत्व में प्रदर्शन हुआ। पुलिस ने प्रतियां छीन लीं और प्रदर्शनकारियों को शांत करने के लिए एसडीएम सदर और सीओ सिटी पहुंचे।
- किसानों की मांगें: किसानों ने कृषि विपरण नीति को तीन काले कृषि कानूनों की पुनः स्थापना का प्रयास बताया। उन्होंने स्थानीय समस्याओं को लेकर ज्ञापन सौंपा।
- संयुक्त किसान मोर्चा का आह्वान: किसानों ने कहा कि आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होतीं।
प्रमुख प्रदर्शनकारी: मोहम्मद तालिब, छिददा नेता, नईम प्रधान, तौकीर अहमद, नल सिंह, राजपाल, अमृत पाल सिंह भिंडर, जुबैद आलम, दरवारी लाल, मेंहदीहसन, खलील अहमद, मित्रपाल, जिशान, रियाजुल हसन, इदरीस, सुलेमान, नौशाद, शबाबुल, मुनव्वर, शादाब, शाकिर, फरजंशबाब आदि।
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FAQs:
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What was the primary reason for the farmers' protest in Rampur?
The protest was against the national agricultural policy framework, which the farmers believe is an attempt to reintroduce the three controversial farm laws. -
How did the police respond to the farmers' protest?
The police intervened by confiscating the copies of the policy framework and preventing the farmers from burning them.
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