टांडा, रामपुर। तहसील टांडा में शुक्रवार को अधिवक्ताओं ने अधिवक्ता संशोधन बिल 2025 के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। गुस्साए वकीलों ने बिल की प्रतियां जलाकर अपना आक्रोश व्यक्त किया और एसडीएम टांडा कुमार गौरव को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। 📜🚨
वकीलों ने मांग की कि अधिवक्ता संशोधन अधिनियम 2025 को तत्काल वापस लिया जाए और अधिवक्ता अधिनियम 1961 के नियमों को यथावत रखा जाए। उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा रेगुलेशन बनाने की प्रक्रिया को समाप्त करने की भी मांग की। ✋⚖️
ज्ञापन में अधिवक्ता व उनके परिवार के लिए एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने, अधिवक्ताओं को 10 लाख रुपये का मेडिक्लेम और मृत्यु पर 10 लाख की बीमा राशि देने की भी मांग की गई। इसके अलावा, विधिक स्टाम्प की बिक्री से प्राप्त धन का 2% अधिवक्ताओं की कल्याणकारी योजनाओं पर खर्च करने की मांग रखी गई, जैसा कि केरल सरकार द्वारा किया जा रहा है। 💰✅
इस प्रदर्शन में तहसील अध्यक्ष कुंवर संजय कुमार, सचिव मुसब्बर अली, आलम हुसैन, नाजिम अली, समर सिंह चौहान, भोला सिंह दिवाकर सहित दर्जनों अधिवक्ता मौजूद रहे। 👥🔥
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FAQs:
Q1: वकीलों ने अधिवक्ता संशोधन बिल 2025 का विरोध क्यों किया?
A1: अधिवक्ताओं का कहना है कि यह बिल उनके अधिकारों को सीमित करता है और 1961 के अधिवक्ता अधिनियम में किए गए प्रावधानों को कमजोर करता है।
Q2: वकीलों की प्रमुख मांगें क्या थीं?
A2: अधिवक्ता सुरक्षा कानून लागू करना, 10 लाख का मेडिक्लेम और बीमा राशि देना, और विधिक स्टाम्प बिक्री से 2% धन अधिवक्ताओं के कल्याण पर खर्च करना।
📊 क्या आपको लगता है कि अधिवक्ताओं की मांगें उचित हैं?
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