रामपुर: शत्रु संपत्ति को खुर्द-बुर्द करने के मामले में आरोपी अब्दुल्ला आजम को एमपी-एमएलए कोर्ट से जमानत मिल गई है। यह मामला 2020 में दर्ज किया गया था, जिसमें आईपीसी की कई गंभीर धाराएं लगाई गई थीं। ⚖️🔍
📌 क्या है मामला?
रिकॉर्ड रूम के सहायक अभिलेखपाल मोहम्मद फरीद ने 9 मई 2020 को सिविल लाइंस थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें लखनऊ के पीरपुर हाउस निवासी सैयद आफाक अहमद और अज्ञात व्यक्तियों पर आईपीसी की धारा 218, 420, 467, 468, 471 के तहत शत्रु संपत्ति को हेरफेर करने का आरोप लगाया गया था। 🚔📜
🏛 जमानत का फैसला
एमपी-एमएलए कोर्ट ने अब्दुल्ला आजम को शर्तों के साथ जमानत दे दी है। हालांकि, इस मामले की कानूनी प्रक्रिया अभी जारी रहेगी और आगे की सुनवाई में अब्दुल्ला आजम को अदालत में पेश होना होगा। ⚖️✅
🔹 Poll:
क्या शत्रु संपत्ति से जुड़े मामलों की गहन जांच होनी चाहिए?
✅ हां
❌ नहीं
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❓ FAQs:
Q1: शत्रु संपत्ति क्या होती है?
Ans: शत्रु संपत्ति वह संपत्ति होती है, जो भारत में पाकिस्तान या चीन गए नागरिकों की थी और जिसे सरकार अपने नियंत्रण में ले लेती है।
Q2: अब्दुल्ला आजम को किन धाराओं में आरोपी बनाया गया था?
Ans: उन पर आईपीसी की धारा 218, 420, 467, 468, 471 के तहत शत्रु संपत्ति में हेरफेर करने का आरोप था।
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