मीरगंज, 27 फरवरी 2025: फ़लहरुद्दीन अली अहमद मेमोरियल कमेटी, लखनऊ के आर्थिक सहयोग से जामिया दारुल मसूद एजुकेशनल वेलफेयर सोसाइटी द्वारा एक दिवसीय उर्दू सेमिनार और शाम-ए-ग़ज़ल का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का विषय "ख़्वाजा अल्ताफ़ हुसैन हाली की अदबी ख़िदमात" रहा, जिसमें कई विद्वानों और शायरों ने अपने विचार प्रस्तुत किए।
📖 सेमिनार की मुख्य बातें:
✅ अध्यक्षता: मशहूर शायर अकील नोमानी ने की।
✅ मकाले पेश करने वाले: डॉ. जावेद नसीमी, डॉ. तसनीफ़ अज़ीज़, सदफ़ अज़ीज़, असलम जहांगीरी, शहज़ाद अहमद और अकील नोमानी।
✅ निज़ामत: डॉ. जावेद नसीमी ने की।
✅ मुख्य अतिथि: ताहिर हुसैन।
🎶 शाम-ए-ग़ज़ल:
मशहूर ग़ज़ल गायक सख़ावत हुसैन ने अपनी सुरीली आवाज़ से समां बांध दिया, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा।
🏅 सम्मान समारोह:
कार्यक्रम के अंत में मुख्य अतिथि ताहिर हुसैन ने सभी कलाकारों और विद्वानों को शॉल और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
📌 इस कार्यक्रम से उर्दू साहित्य और अदब को बढ़ावा देने का प्रयास किया गया, जिसे साहित्य प्रेमियों ने सराहा।
#UrduSeminar #ShaameGhazal #LucknowEvents #LatestNewsFromRampur #GhazalNight
रामपुर में लोकल खबरों और अपडेट के लिए 👉 www.SnapRampur.xyz (Faster Hyper Local News Agency Service of Rampur) पर लॉग इन करें।
FAQs:
Q1: इस सेमिनार का मुख्य उद्देश्य क्या था?
A1: इस सेमिनार का उद्देश्य ख़्वाजा अल्ताफ़ हुसैन हाली की साहित्यिक सेवाओं पर चर्चा करना और उर्दू भाषा व साहित्य को बढ़ावा देना था।
Q2: शाम-ए-ग़ज़ल में कौन से ग़ज़ल गायक ने प्रस्तुति दी?
A2: मशहूर ग़ज़ल गायक सख़ावत हुसैन ने अपनी आवाज़ से कार्यक्रम में चार चांद लगाए।
📊 Poll:
क्या ऐसे उर्दू साहित्य और ग़ज़ल से जुड़े सेमिनारों को बढ़ावा देना चाहिए?
1️⃣ हां ✅
2️⃣ नहीं ❌
0 टिप्पणियाँ