रामपुर। उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयुक्त स्वतंत्र प्रकाश गुप्ता ने कहा कि सूचना अधिकार अधिनियम (RTI) संविधान की आत्मा है और यह आम आदमी का अधिकार है। उन्होंने कहा कि आरटीआई कानून को 19 साल हो चुके हैं, लेकिन अभी भी कई लोग इसकी अहमियत को नहीं समझ सके हैं। सरकार की कोशिश है कि हर नागरिक को उसका अधिकार मिले। 🏛️📢
स्वतंत्र प्रकाश गुप्ता शनिवार को एम. जे. पी. इंटर कॉलेज के वार्षिकोत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इसके बाद संत रविदास सर्किट हाउस में जिला अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने बैठक में कहा कि सूचना देना नियम है और न देना अपवाद, इसलिए सही और पूरी सूचना मिलनी चाहिए ताकि आरटीआई कानून का उद्देश्य पूरा हो सके।
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के क्षेत्रीय सेवा प्रमुख एवं वरिष्ठ आरटीआई कार्यकर्ता फैसल मुमताज ने सूचना आयुक्त के रामपुर आगमन पर उनका सम्मान किया। उन्होंने कहा कि कई बार सूचना मांगने पर अधिकारी जानबूझकर अड़चनें पैदा करते हैं। इस पर सूचना आयुक्त ने कहा कि सरकार को इसे लेकर सख्ती से काम करना चाहिए ताकि सूचना न देने वालों पर कार्रवाई हो सके।
इस मौके पर भाजपा के निवर्तमान ज़िला अध्यक्ष अभय गुप्ता, मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मेरठ प्रांत संयोजक मोहम्मद कय्यूम खान, कॉलेज के प्रबंधक एवं जिला पंचायत सदस्य मोहम्मद शमी सुरमिल सागर सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे। 🏫✨
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❓FAQs:
1. सूचना अधिकार अधिनियम (RTI) का मुख्य उद्देश्य क्या है?
👉 RTI का मुख्य उद्देश्य सरकार में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाना है, ताकि आम नागरिक सरकारी विभागों से जानकारी प्राप्त कर सकें।
2. यदि कोई अधिकारी आरटीआई का जवाब देने में देरी करता है तो क्या किया जा सकता है?
👉 ऐसी स्थिति में सूचना आयोग में अपील की जा सकती है और संबंधित अधिकारी पर दंडात्मक कार्रवाई भी हो सकती है।
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