रामपुर। मस्जिद सद्दन शाह मियां वाली, पुराना गंज घेर इनायत खां में गुरुवार रात कुरआन मुकम्मल होने की पाक और पुरनूर महफिल का आयोजन किया गया। इस मौके पर हाफिज मोहम्मद उजैफ खां ने कुरआन मुकम्मल किया और हाफिज आमान खां ने कुरआन सुनाया।
रोजा फर्ज, तरावीह सुन्नत - कारी वासी अहमद
इस खास मौके पर कारी वासी अहमद साहब ने रमजान की फजीलत बयान करते हुए कहा कि रमजान मुसलमानों के लिए बरकत, रहमत और खुशियों का महीना है। उन्होंने कहा कि इस महीने में रोजा रखना फर्ज और तरावीह की नमाज सुन्नत है।
कारी साहब ने कहा:
🔹 रमजान में ज्यादा से ज्यादा वक्त इबादत में गुजारना चाहिए।
🔹 रोजा केवल भूखे-प्यासे रहने का नाम नहीं, बल्कि नफ्स (ख्वाहिशात) पर काबू रखने की इबादत है।
🔹 रोजे के दौरान हर तरह की बुरी चीजों से बचना जरूरी है, ग़लत बातों से भी रोजा मकरूह हो सकता है।
🔹 मुसाफिर को रोजा छोड़ने की इजाजत है, लेकिन इसकी क़जा जरूरी है।
उन्होंने जोर देते हुए कहा कि तरावीह की नमाज सुन्नत-ए-मुअक्कदा है और इसे छोड़ना गुनाह है।
दुआ और रमजान की बर्कतें
कुरआन मुकम्मल होने के बाद कारी वासी अहमद साहब ने मुल्क और उम्मत की बेहतरी के लिए दुआ कराई। इस मौके पर मौजूद लोगों ने रमजान की फजीलत को समझने और अमल करने का इरादा किया।
शिरकत करने वाले
इस मुबारक मौके पर सभासद मुराद कलीम, गुलफाम खां, नफीस दूल्हा खां, फ़राज़ कलीम, मौलाना वसीम अहमद, शमाईए खां, मुन्ने खान, शहज़ाद कलीम समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।
📌 रमजान की अहमियत को समझें, ज्यादा से ज्यादा इबादत करें और अल्लाह की रहमतों से मालामाल हों।
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