Rampur News: हैरिटेज एकेडमी में धूमधाम से मनायी गयी संविधान निर्माता की जयंती

 शनिवार को हेरिटेज चिल्ड्रन एकेडमी मिलक में प्रातः की विशेष सभा के अंतर्गत संविधान दिवस को भीमराव अंबेडकर की जयंती के रूप में मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ  विद्यालय की प्रधानाचार्या डॉ रीना दुबे, प्रबंधक मनोज कुमार पांडे एवं को-ऑर्डिनेटर एल आर कुशवाहा ने सामूहिक रूप से डॉ भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि अर्पित कर किया। तत्पश्चात प्रार्थना सभा में छात्र अर्नव पांडेय द्वारा सुविचार, छात्रा सिद्धी गंगवार ने भाषण से संविधान एवं  डॉ बी आर अंबेडकर  की मार्मिक एवं प्रभावशाली जीवन शैली पर प्रकाश डाला।आयुष गंगवार, रुद्र, आस्था, आरुष सक्सेना, सिद्धि, सक्षम, अंकुर, आयुषी, जया, अक्षर, दिव्यांश, दक्ष, अक्षत, मरियम तथा राबिला ने लघु नाटिका के माध्यम से अपनी कला का प्रदर्शन करते हुए संविधान में निहित कर्तव्य एवं अधिकारों से सभी विद्यार्थियों तथा शिक्षकों को रूबरू कराया साथ ही संविधान के प्रति निष्ठा की शपथ भी दिलाई।संपूर्ण कार्यक्रम का संचालन छात्रा सृष्टि, अध्यापिका अर्शी खान, योगिता ओमप्रकाश, शालिनी सिंघल तथा जितेंद्र कुमार के निर्देशन में किया गया। विद्यालय की प्रधानाचार्या डॉ रीना दुबे ने अपने वक्तव्य में बताया कि बाबा साहब डॉ. अंबेडकर जी ने विषम परिस्थितियों में ही शिक्षा प्राप्त की और समाज को समता का अधिकार दिया। उन्होने विदयार्थियों को समझाया कि अपने आप को विदयार्थी जीवन की कसौटी पर कसते हुए अपने जीवन में अनुशासन, कर्तव्यनिष्ठ, सदाचार जैसे मार्गों को अपनाओ और अपने परिवार, समाज और देश के लिए एक जीवंत उदाहरण बन यह साबित करो कि आज भी भारत देश में भीमराव अंबेडकर जैसी प्रतिभाएं जीवित हैं और उनके जीवन मूल्यों को स्थापित करते हुए सदा-सदा के लिए प्रयासरत हैं।विद्यालय प्रबंधक मनोज कुमार पांडेय ने छात्रों को डॉ अंबेडकर के जीवन मूल्यों को जीवन में अपनाने के लिए प्रेरित किया। महू मध्यप्रदेश में 14 अप्रैल 1891 को जन्मे भीमराव अंबेडकर को बचपन से ही आर्थिक और सामाजिक भेदभाव का सामना करना पड़ा। स्कूल में छुआछूत और जाति पालि का भेदभाव झेलना पड़ा, परंतु मेहनत, लगन और संघर्ष से सफलता प्राप्त कर समाज के पथ प्रदर्शक बने। इस अवसर पर विद्यालय के समस्त शिक्षक उपस्थित रहे।

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